आदतें कैसे बनती और बदलती हैं? || How Do Habits Form And Change?
जब हम कुछ नई चीज सीखना शुरू करते हैं, या कोई काम पहली बार करते हैं, तब हमारे दिमाग को consciously सोच समझकर और मेहनत करके वो काम करना पड़ता हे।
लेकिन जैसे-जैसे हम उस काम को दोहराते रहते हैं, वैसे-वैसे हमारा दिमाग उस काम का एक पैटर्न बनाकर अपने अंदर जमा कर लेता है। जिसके बाद हमें उस काम को करने के लिए ज्यादा या बिल्कुल भी सोचने की जरूरत नहीं होता है। क्यू कि अब वो काम हमारा सबकॉन्शियस माइंड करने लगता है, जो कि और कुछ नहीं बस हमारा आदत बन जाता है। उदाहरण:-
==> चलते हुए और कुछ सोचते हुए घर तक पहुंच जाना बिना रस्ते पर ध्यान दिए।
==> सुबह उठकर सीधे बाथरूम में जाना और फिर ब्रश करना।
हमारा दिमाग आदत बनाता है ताकि वो एक-ही काम को बार-बार सोच कर अपना ऊर्जा न व्यय करके उसे किसी दूसरे काम करने पर लगा सके। आदतें हमारे दिमाग की काफी ऊर्जा बचाती हैं क्योंकि इससे दिमाग को चीजों को करने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती। अब ये सब हुई आदत की अच्छी बातें, मगर बुरी बात ये है कि हमारा दिमाग अच्छी और बुरी आदतों के बीच का फर्क नहीं समझता। उसे तो बस आदत बनाकर अपनी मेहनत बचाना होता है। और ये बात हमारे लिए बहुत समस्या पैदा करता है, क्योंकि इंसान बार-बार बुरी चीजें ही करता है ना की अच्छी चीजें। जिसकी वजह से ज्यादातर हमारी बस बुरी आदतें ही बनती रहती है।
लेखक कहते हैं कि, आपकी आदत आपकी सफलता और आपकी असफलता के बीच एक बड़ा कारण बन सकती है।
इसलिए उन बुरी आदतों को खत्म करना और नई अच्छी आदतों का निर्माण करना हमारे लिए बहुत जरूरी है।
अब अगर आप अपनी बुरी आदतों को छोड़ना चाहते हैं, या अन्य अच्छी आदतें बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि आदतें वास्तव में कैसे बनती हैं। लेखक बताता है कि हर आदत 3 चरणों में बनती है:-
पहला चरण ==> संकेत(CUE)
दूसरा चरण ==> नियमित कार्यक्रम(ROUTINE)
तीसरा चरण ==> इनाम(REWARD)
संकेत(CUE) वो चीज है जो आपको उस बुरी या अच्छी काम को करने के लिए उकसाता है, जिसकी वजह से आपका मन करने लगता है कि आप वो काम करो। जैसे कि बहुत से लोग सिगरेट पीना तब शुरू करते हैं जब उनका कोई दोस्त उन्हें सिगरेट पीने के लिए प्रोत्साहित करता है।
अब क्योंकि दोस्तों का प्रभाव हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा होता है, इसलिए बहुत से लोग मना करने के बाद भी सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं, बस टाइम पास समझकर, और जब दिल करेगा तब छोड़ दूंगा सोच कर वो सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं। शुरुआत में तो वो दोस्त ही उन्हें साथ चलने और सिगरेट पीने के लिए बुलाता है, लेकिन कुछ समय बाद वो खुद उस दोस्त को ले कर सिगरेट पीने जाने लगते है। अब यहां पर उनका वो दोस्त उनके लिए संकेत(CUE) बन जाता है, जिसे देखते ही उसे सिगरेट पीने का मन करने लगता है। वास्तव में संकेत बहुत अलग अलग तरीके के हो सकते हैं। लेकिन लगभग सभी संकेत इन पांच श्रेणियों में से एक में आते हैं।
1) स्थान(Location)
2) समय (Time)
3) भावनाएँ(Emotions)
4) दूसरो के लिए(Because Of Others)
5)एक निर्दिष्ट कार्य के बाद(After A Specified Task)
संकेत मिलने के बाद लोग जो अगले चरण में जाते हैं उसे कहते हैं नियमित कार्यक्रम(routine).
routine बहुत छोटे से लेकर बहुत बड़े तक हो सकती है।
जैसे कि:-
अपने किसी दोस्त से मिलने के बाद, किसी दुकान पर जाकर फिर वहां से सिगरेट खरीद कर और फिर किसी एक जगह जाकर सिगरेट जलाना, यह पूरी actions routine के अंतर्गत आते है। अब आता है आखरी कदम==> इनाम।
इनाम सबसे महत्वपूर्ण कदम है, जिसके कारण वास्तव में आदतें बनती हैं। जैसे ही लोग सिगरेट पीना शुरू करते हैं, उन्हें निकोटीन की एक किक मिलता है। ये सिगरेट के अंदर निकोटिन ही उनके लिए इनाम होता है, जो उन्हें अच्छा और तनावमुक्त महसूस कराता है। इसी तरह हर बुरी और अच्छी आदत इन तीन चरणों में ही बनती है। और फिर जितनी बार यह चक्र पूरा होता है और दोहराता है, उतनी ही अधिक लोग उस आदत में मजबूत होते जाते हैं। तो, अब मुख्य प्रश्न ये है कि हम अपनी बुरी आदत को कैसे खत्म करें? और नई अच्छी आदत कैसे बनाएं?
सबसे पहले तो लोगों के लिए अपनी आदतों को अचानक से खत्म करना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि ज्यादातर आदतों का पैटर्न हमारे दिमाग में बहुत गहराई में जमा होता है, जो इतना मजबूत है कि इसे पूरी तरह खत्म करना हमारे लिए लगभग नामुमकिन है। इसलिए आपने देखा होगा कि लोग अचानक अपनी आदतों को खत्म करने की कोशिश करते हैं, वो भी लंबे समय तक खुद पर नियंत्रण रखते हैं, लेकिन फिर एक मजबूत संकेत मिलने के बाद, उनकी पुरानी आदतें फिर से वापस आ जाती हैं। इसलिए सबसे अच्छा तरीका ये नहीं है कि हम अपनी पुरानी आदतों को खत्म करने की कोशिश करें, बल्कि सबसे अच्छा यह होगा कि हम अपनी बुरी आदत को किसी अच्छी आदत से बदल दें। उदाहरण के लिए, एक आदमी था जिसे रोज डोनट्स खाने की आदत थी, कैलोरी से भरे डोनट्स के कारण उसका वजन हर दिन बढ़ रहा था, जिससे वो बहुत अस्वस्थ हो गया था। तब उसने डिसाइड किया कि वो कैसे भी करके अपनी इस बुरी आदत को खत्म करेगा, उनके एक दोस्त ने उन्हें द पावर ऑफ हैबिट्स किताब की सिफारिश करी। जिसे पढ़ने के बाद उन्होंने उस किताब के प्रिंसिपल को समझा और फिर उसे अपने ऊपर apply करना शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने ये पता लगाया कि उनके आदत चक्र के तीन चरण क्या क्या हैं। अच्छी तरह observe करने के बाद उन्हें पता चला कि हर दिन करीब ३:०० से ३:३० के आसपास उन्हें डोनट्स खाने का बहुत ही मन करता है और ये समय ही उनकी आदत की संकेत(cue) है। जिसके बाद उसको उसका रूटीन पता करने में ज्यादा समय नहीं लगा, routine simple था। इस समय वो बहुत ऊब जाता था, और फिर वो सीधे ऑफिस कैंटीन चला जाता था जहाँ वो डोनट्स खरीद कर फिर अपने साथियों के साथ बात करते हुए उसे खाता था।
और अंत में सबसे आसान इनाम, उन डोनट्स को खाने का स्वाद और मजा। इस प्रक्रिया को जानने के बाद उन्होंने प्राचार्य के दूसरे और अंतिम चरण को लागू करना शुरू कर दिया। दूसरे दिन ३:०० से ३:३० के बीच जैसे ही उसे डोनट्स खाने का मन हुआ, वो ऑफिस की कैंटीन में गया, लेकिन वहाँ उसने डोनट्स खरीदने की बजाय कुछ बादाम खरीद लिए। जिसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों से बात करते हुए इसे खाया और फिर अपने काम पर चले गए।
अगले दिन जब उसे फिर से उसी समय पर डोनट्स खाने का मन हुआ, तो उसने फिर से वही प्रक्रिया दोहराई। उन्होंने लंबे समय तक इस नई प्रक्रिया का पालन किया और ऐसा करते हुए उन्होंने अपने ट्रिगर से लड़ने की कोशिश नहीं की, बल्कि इसके बजाय उन्होंने अपनी दिनचर्या और इनाम को किसी अन्य अच्छी दिनचर्या और इनाम शब्द से बदल दिया। जिसके बाद धीरे-धीरे उनकी ये बुरी आदत खत्म हो गई। इसी तरह इन चरणों को फॉलो करके आप अपनी किसी भी आदत को खत्म कर सकते हैं।
Step 1
पहला कदम ये पता लगाना है कि आपके आदत चक्र के तीन चरण संकेत, दिनचर्या और इनाम क्या क्या हैं।
Step 2
उन दिनचर्या में से, अपने दिनचर्या और इनाम को दूसरे किसी दिनचर्या और इनाम के साथ बदल दे। ये थोड़ा मुश्किल जरूर होगा लेकिन अपनी आदत बदलने का यह सबसे आसान और बेहतरीन तरीका है।
ये बातें मैंने आपको The Power Of Habit Book by Charles Duhigg से बताई है। इस किताब में और भी बहुत सी बातें हैं जो आपको अपनी आदतें बनाने और खत्म करने में मदद करेगी। इस किताब से आप ये भी सीख सकते हैं कि व्यवसाय में किस प्रकार आदत का प्रयोग किया जा सकता है। अगर आपको ये सब बातें सीखनी है तो आप इस किताब के नाम के ऊपर क्लिक करके इसे खरीद सकते हो।
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