तनाव कम करने की विधियां || How do I stop stress and anxiety?

तनाव, चिंता और अवसाद से छुटकारा पाने के लिए, सद्गुरु द्वारा दिए गए कुछ निर्देश। तनाव कम करने की विधियां, मानसिक और शारीरिक तनाव को दूर करने के उपाय।

NOTE: यह पूरी तरह से 'सद्गुरु' जी का सुझाव है, हम केवल उनके वचन की आवाज हैं।

ईशा योग केंद्र "हट-योग" शिक्षा ट्रेनिंग के दौरान, एक प्रतिभागी ने सद्गुरु से तनाव कम करने की विधियों के बारे में सवाल पूछा। प्रश्न:- सद्गुरु हम अपने जीवन में तनाव और चिंता को कैसे कम करें? रोजमर्रा कि इस जीवन में मुझे लगता है कि मेरी बुद्धि मुझे पीछे छोड़ रही है! तो मेरा प्रश्न ये है कि हम अपने जीवन को कैसे शांत और तनाव मुक्त बनाएं? सद्गुरु उसे जवाब में कुछ सरल उपाय बता रहे हैं:-

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मैं कह रहा हूं कि चाहे आप को सबसे भयानक परिस्थितियों से क्यों न गुजरना पड़े, आप या तो उस अनुभव का इस्तेमाल एक बेहतर इंसान बनने के लिए कर सकते हैं या जीवन को अस्त-व्यस्त करने के लिए। तो जब भी कोई चीज आपको चोट पहुंचाती है, आपके पास दो विकल्प है, आप चोटिल हो सकते हैं या समझदार बन सकते हैं, ये आपकी मर्जी है। जीवन की शुरुआत में ही आपको जितनी चोटें लगती है आपको उतना ही समझदार बन जाना चाहिए। मगर अफसोस की ज्यादातर लोग चोटिल हो जाते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्हें अपनी ही बुद्धि को अपने खिलाफ पलटने के लिए बस एक बहाना चाहिए। खासकर जब आपके आसपास की दुनिया आपके खिलाफ हो, तो क्या ये बहुत जरूरी नहीं है कि आपकी अपनी बुद्धि आपके साथ हो।

1) एक आनंदमय केमिस्ट्री बनाएं

क्या आप जानते हैं कि हर इंसान के अनुभव का एक रासायनिक आधार(Chemical Basis) होता है? जिसे आप खुशी कहते हैं वो एक तरह की केमिस्ट्री है। दुख दूसरी तरह की केमिस्ट्री है। तनाव एक तरह की केमिस्ट्री है। बेचैनी एक तरह की केमिस्ट्री है। परमानंद एक अलग तरह की केमिस्ट्री है। तो आपके जीवन के अनुभव का एक रासायनिक आधार है, ये इसे देखने का सबसे सतही तरीका है। इसके दूसरे आयाम भी है, मगर आप को समझाने के लिए या दूसरे शब्दों में जिसे आप अभी मैं कहते हैं वो एक रासायनिक सूप है। सवाल बस ये है कि आप एक बढ़िया सूप है या घटिया सूप, है कि नहीं? अभी अगर आपके अंदर आनंद की केमिस्ट्री है, अगर आप आंखें बंद कर ले तो बढ़िया आंखें खोल ले तो बढ़िया। अगर कोई यहां है तो बढ़िया कोई अगर नहीं है तो बहुत बढ़िया। हां या ना?

2) स्पष्टता महत्वपूर्ण है, आत्मविश्वास नहीं

लोग मानने लगे हैं कि, आत्मविश्वास 'स्पष्टता' का विकल्प है। स्पष्टता का कोई विकल्प नहीं है, अगर हम अपने जीवन में स्पष्टता लाने की कोशिश नहीं करते, अगर हम अपना जीवन आत्मविश्वास के गुब्बारे के साथ जीने की कोशिश करते हैं, तो कोई ना कोई उसमें सुई चुभा कर उसे नीचे गिरा देगा या जीवन के हालात वैसे भी ये कर ही देंगे। ये कुछ ऐसा है, आप बाहर थे और किसी ने आप से कहा कि आप दुनिया के सबसे शानदार इंसान हैं। आप बादलों पर तैरने लगते हैं, आप घर आए और घर वालों ने आप को आप की असलियत बता दी और बस आप एकदम से बादलों से नीचे गिर गए।

तो ये बहुत महत्वपूर्ण है कि, इंसानों को अपने जीवन के हर आयाम में स्पष्टता लाने की कोशिश करनी चाहिए। अगर हम आत्मविश्वास से काम चलाने की कोशिश करेंगे, जो या तो हालात से या लोगों से प्रेरित होता है या जो भी हम सोचते हैं, कि इस दौड़ के अंत में हमें मिलने वाला है। तो ये प्रेरित आत्मविश्वास हमेशा नीचे आता है ये स्पष्टता का विकल्प नहीं है। केवल स्पष्टता होने पर ही आप सहजता से चल पाएंगे। 

अगर किसी इंसान को इस जीवन से सहजता से गुजरना है तो स्पष्टता जरूरी है, और स्पष्टता आपको उपहार की तौर पर नहीं मिलती। इसके लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है स्पष्टता लाने की एक पूरी प्रणाली है, मगर हमारी शिक्षा प्रणालियां सूचना का ढेर बन कर रह गई है। इसलिए हम आत्मविश्वास से काम चलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अगर हमारी शिक्षा प्रणाली का मकसद हमारे बोध के उपकरणों को तेज करना होता तो निश्चित रूप से हमारे अंदर स्पष्टता आ जाती।

NOTE: ये बहुत महत्वपूर्ण है कि एक इंसान के तौर पर आप अपने जीवन में 'स्पष्टता' लाने का प्रयास करें।

3) अकेलेपन को संभालना सीखे

 
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जीवन का आपका अनुभव अब इससे तय नहीं हो रहा, कि आपके पास क्या है और क्या नहीं है। चाहे वो लोग हो, या चीजें हो, या भोजन हो, या कुछ और हो उनसे ये तय नहीं हो रहा। एक बार, जब आपके होने का तरीका किसी बाहरी चीज से तय नहीं होता तो, अकेलापन जैसी कोई चीज नहीं होती बल्कि आप अपने अकेलेपन का आनंद लेंगे। क्योंकि आप चाहे या ना चाहे इस छोटी उम्र में ये समझना थोड़ा मुश्किल है। आप चाहे या ना चाहे इस शरीर के अंदर आप हमेशा अकेले होते हैं।

चाहे आप संवाद करें या संभोग या और कुछ और कुछ और कुछ, फिर भी आप इस शरीर में अकेले हैं, हां या ना? अगर आपने इस अकेलेपन को संभालना नहीं सीखते तो आपने इस जीवन के बारे में कुछ नहीं सीखा। जीवन के बारे में सबसे खूबसूरत चीज ये है कि यहां कोई नहीं आ सकता, ये सिर्फ मेरी जगह है। हां या ना?

क्या ये सबसे खूबसूरत चीज नहीं है, कोई मेरे अंदर नहीं घुस सकता वो मुझे कैद कर सकते हैं, टॉर्चर कर सकते हैं, कई चीजें कर सकते हैं, मगर वो मेरे अंदर नहीं घुस सकते, क्योंकि मेरे पास एक जगह है जो सिर्फ मेरी है। तो क्या ये आपके जीवन का सबसे सुंदर पहलू नहीं है।

4) जागरूकता के साथ जिएं और योग को अपनाएं

तो सीमाएं तोड़ने की ये चाहत अगर एक बहुत ही बुनियादी भौतिक रूप में व्यक्त होती है तो इसे कामुकता कहते हैं, अगर ये भावनाओं में व्यक्त होती है तो उसे प्रेम संबंध कहते हैं। अगर ये मानसिक अभिव्यक्ति पाती है तो इसे आकांक्षा या फिर विजय कहते हैं। अगर ये एक जागरूक अभिव्यक्ति पाती है तो हम इसे योग कहते हैं। आपके जीवन में आपको क्या लगता है आप जो भी करते हैं उसे कैसे करना अच्छा होगा? 'जागरूक होकर' या 'अचेतन होकर' आपको क्या लगता है? जागरूक होकर!

अगर आप जागरूक होकर सीमाएं तोड़ते हैं तो आप समझते हैं कि आप बेकार में एक मानसिक ढांचा बना रहे हैं जिसमें आप फसा हुआ महसूस करते हैं। अगर आप इसे जागरूक होकर मिटाते हैं तो इसे 'योग' कहते हैं। अगर आप शारीरिक रूप से इसे मिटाते हैं तो इसे 'Sex' कहते हैं। अगर आप इसे भावनाओं से मिटाते हैं तो इसे प्रेम कहते हैं। अगर आप मानसिक रूप से इसे मिटाने की कोशिश करते हैं तो इसे सफलता, जीत, आकांक्षा, तृप्ति, विजय ऐसी चीजें कहा जाता है। लेकिन ये सभी चीजें कितने समय तक टिकता है? कुछ पल, क्योंकि ये अचेतन है। अगर आप जागरूक होकर अपने व्यक्तित्व की सीमाएं मिटा दें तो आप ब्रह्मांड की तरह बैठ सकते हैं, उसी स्थिरता के साथ!

    कोई भी चीज जो आपने नहीं बनाई है, आपको उसे नष्ट करने का कोई हक नहीं है। है ना? क्या आपने यह जीवन बनाया? नहीं, फिर क्यों? आपकी एक ही समस्या है आपका मानसिक ढांचा अस्त व्यस्त हो गया है। आप आसानी से उसे व्यवस्थित कर सकते हैं, उसे योग करना चाहिए।

5) खुद को अपग्रेड करें, इनर इंजीनियरिंग करें

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बात बस इतनी सी है, कि हम महसूस करते हैं कि दूरियां कम हो गई है, हमारे पास जो तकनीकी क्षमता है, उसके कारण, मनुष्यों की साथ ये सबसे शानदार चीज हुई है कि हम तकनीकी रूप से इतने समर्थ हो गए हैं कि हम अपने सामान्य नजर से परे देख सकते हैं। आप सुनने की अपनी सामान्य क्षमता से परे सुन सकते हैं, आप अपने सामान्य अनुभव क्षमता से परे चीजों को अनुभव कर सकते हैं, बस आपको खुद को 'अपग्रेड' करना है। आपके आसपास की तकनीकी हर कुछ महीने या सालों में खुद को जबरदस्त रूप से अपग्रेड कर रही है। अब समय है कि आप खुद को अपग्रेड करें, इस तकनीक का 'अपग्रेडेशन' या 'उन्नयन' आप जो है उसका अपग्रेडेशन और इस जीवन का अपग्रेडेशन की जरूरत है। इनर इंजीनियरिंग या योग का यही अर्थ है कि, आप इस जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान दें। इस जीवन को बेहतर बनाएं बिना अगर आप अपने कामकाज बढ़ाते हैं, तो निश्चित रूप से वह काम आपको दुख देगा। ये एक पुरानी खटारा कार को फॉर्मूला १ के ट्रैक पर चलाने जैसा है, उसके टुकड़े हो जाएंगे। लोगों के साथ यही हो रहा है। समय आ गया है कि सिर्फ रोजी रोटी कमाने, सिर्फ एक नौकरी पाने, सिर्फ इसमें या उसमें जाने के लिए अपने बच्चों को पढ़ाने के बजाय सबसे पहले हमें अपने बच्चों को ये शिक्षा देनी चाहिए, कि वे खुद को बेहतर बनाएं। 'आत्म रूपांतरण' के साधन इस युग कि सबसे अहम जरूरत है। क्योंकि बाहरी परिस्थितियां काफी हद तक मशीनें संभाल लेगी। ये बहुत महत्वपूर्ण है कि आप जिन मशीनों का उपयोग करते हैं, उनसे थोड़ा अधिक स्मार्ट हो।

6) आप अपने जीवन को बदल सकते हैं

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अगर आप खुद के लिए अवसाद या डिप्रेशन पैदा करने में सक्षम है, मैं ये इसलिए नहीं कह रहा क्योंकि मुझे आपके रोक की चिंता नहीं है, या मुझ में करुणा की कमी है, लेकिन इसलिए क्योंकि आपके साथ जो हो रहा है, उसके प्रकृति यही है। अगर आप अपने लिए 'डिप्रेशन' पैदा कर रहे हैं, तो आप अपने भीतर काफी सारी भावनाएं और विचार पैदा कर पा रहे हैं, लेकिन गलत दिशा में। अगर आप अपने दिमाग को इस तरफ मोड़ सकते हैं तो आप उसे इस तरफ भी मोड़ सकते हैं। नहीं नहीं, मैं ऐसा इसलिए हूं क्योंकि जब मैं 7 साल का था मेरे पिता ने मेरे साथ बुरा बर्ताव किया था उन्होंने मुझे ठीक से नहीं पाला। अगर आपको ये सारी बकवास पता है तो आप अपने आप को बदल भी सकते हैं। है ना? समय आ गया है, आपको यह समझना ही होगा मानसिक, शारीरिक, रासायनिक और ऊर्जा के आधार पर आपको यह साफ तौर पर समझना होगा कि आपको कोई फायदा नहीं होता बीमार दुखी और मायूस होने से, इसका कोई फायदा नहीं होता। खुश और आनंदित रहने में ही फायदा है। अगर आप यह बात साफ कर दें भीतर के इन सभी लोगों को तो वे सभी ठीक से बर्ताव करेंगे।


जीवन खेल है क्योंकि वो खत्म हो जाता है। मगर महत्वपूर्ण चीज ये है कि आप अपने भीतर कैसे हैं। अगर आप इस तरह से यहां है कि आप सिर्फ अपनी जरूरतों के अनुसार चलते हैं, तो आप बहुत ही तुच्छ जीवन जिएंगे। लेकिन अगर आप बिना किसी जरूरत के यहां बैठ सकते हैं मगर जो जरूरी है वो करेंगे तो आप एक शानदार जीवन जिएंगे। ये मेरी इच्छा और आशीर्वाद है, कि आप सब एक शानदार जीवन जिए, अपने लिए इसे सच बनाएं।

- Sadhguru

Thanks for reading!!

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